Friday, March 25, 2022

सत्य..!

             


          सत्य ना तेरा होता है ना मेरा होता है

सत्य का भी एक वजूद होता है

चाहे आंधी आये तुफान आये 

धूप आये या छाव आये

तू चाहे कितना भी खुदको बडा समझ

पर सत्य से बडा तू ना बन पायेगा

तू रहे या ना रहे

सत्य वही खडा रहेगा

सत्य परेशान हो सकता है 

पराजीत नही,

असत्य की भिक मिल सकती हे यूही

पर सत्य की राह आसान नही

         सत्य की हार मुझे मंजूर नही

सत्य की जित अब दूर नही..!


: कवीश्वर (अभिजित)

Sunday, July 25, 2021

|| माझ्या मना शंढ बन ||

 


|| माझ्या मना शंढ बन ||


|| माझ्या मना शंढ बन 

जे चालले ते गप्प बघ

दगडा सारखा ढिम्म बन

माझ्या मना शंढ बन 


दाब मत दाब मन 

येइल ते कर सहन

सदा सुखी निर्लज्ज बन 

माझ्या मना शंढ बन 


नको बाळगू अभिमान,

नको बाळगू स्वाभिमान

समजती लोक त्यास 

हे तर तुझे गर्वगान 


बर्फा एवढा थंड बन 

      माझ्या मना शंढ बन ||  


                                                    :© कवीश्वर-अभिजित

Wednesday, November 4, 2020

बता..



 बता वो लम्हा तुम्हे महसूस ना किया हो 

बता वो पल तुम्हे याद ना किया हो 

करते हे लाख ख्वाइशे तुझे पाने के लिए 

फिर सोचते हे, तुम यहाँ होती तो ऐसा होता 

तुम यहाँ होती तो वैसा होता .... ! 


                                                    :© कवीश्वर-अभिजित

Saturday, January 30, 2016

।। रेणुका नमन ।।





नमोस्तुते रेणुका देवी 
यल्लम्मा देवी नमोस्तुते 
आदिमाया सौंदती निवासिनी 
कुलदेवी तुजं नमोस्तुते ।।

नादिपल्याड डोंगरावरी 
रेणुका आई तू प्रस्थापिते 
लल्लाटी भंडारा तुझ्या नावाचा 
कुलदेवी तुजं नमोस्तुते ।।

डोळा भरून तुझ्या दर्शना 
ओढ तुझी आम्हास लागते 
करतो जागर तुझ्या नामाचा 
कुलदेवी तुजं नमोस्तुते ।।

हाकेला धावशी ,भक्ताला पावशी
जगतजननी तू सारे जाणते
जागृत देवी संकटनिवारिणी
कुलदेवी तुजं नमोस्तुते ।।


                                                                          :© कवीश्वर-अभिजित




Sunday, June 7, 2015

अजूनही:तु



अजूनही विश्वास आहे म्हणून 
माझा तुझ्यात श्वास आहे

अजूनही तुझी आस आहे म्हणून 
  मला तुझा ध्यास आहे 

अजूनही तुझी आशा आहे म्हणून 
माझ्या जगण्याला दिशा आहे 

अजूनही तुझ्या अत्तराचा गंध आहे 
म्हणून जगण्यास सुगंध आहे 

अजूनही मनात हूर हूर आहे 
तुझ्या नावाचं काहूर आहे 

तू आहेस म्हणून जगन्यास अर्थ आहे 
नसशील जर तूच हे जगणेच व्यर्थ आहे 

अजूनही विश्वास आहे म्हणून 
माझा तुझ्यात श्वास आहे


:© कवीश्वर-अभिजित



Friday, May 1, 2015

महाराष्ट्र माझा.!





आईच्या कुशीत दिसतो महाराष्ट्र माझा
सह्याद्रीच्या कुशीत वसतो महाराष्ट्र माझा
शेतात राबणाऱ्या हातात महाराष्ट्र माझा
डौलाने फडकणाऱ्या भगव्यात महाराष्ट्र माझा
ह्याच मातीत जन्मलेला आमचा रयतेचा राजा
असे म्हणून प्रिय आम्हाला हा महाराष्ट्र माझा.. !
-कवीश्वर-अभिजीत

Wednesday, October 1, 2014

नशा....!





दोस्त पूछते है 
क्या तूम पिते हो ?
हमने कहा हम तो 
बिना पिये ही जीते है 
अपनीही ज़िन्दगी में 
मद मस्त रहते हे 
नशा करनी ही है
तो इश्क़ की करते है 
प्यार की करते है 
वरना जाम तो 
      बुज़दिल भी पिते है …। 

-कवीश्वर-अभिजीत